जीवन है एक धुप्प अँधेरा
होता जिसका नहीं सवेरा
हम सब है बस ओस की बूंदे
इस जीवन के कोहरे में ,
भाग रहे है इधर उधर
लड़ते एक दूसरे से
मानो सभी ख़ोज रहे हो
छुटकारा इस जीवन से ,
आँखे फाड़े देख रहे है
क्या रखा है सम्मुख में
फिर भी हम अनजान ही रहे
इस प्यारे झूठे जीवन से ,
क्या सुख है और क्या दुःख है ?
है सुब कुछ हमसे परिभाषित
जीवन बस फल है कुकर्मो का
न की खुशी असीमित ,
म्रत्यु हो गयी मानो मेरी
इस जीवन को पा कर के
रिश्ते-नाते प्रेम-घ्रणा के
मोह्पास में फस कर के ,
जीवन तो पर्याय है दुःख का
म्रत्यु अर्थ है सुख का
जीवन के हर क्षण से अच्छा
होगा अंतिम पल इस जीवन का .....................................
जीवन तो पर्याय है दुःख का
जवाब देंहटाएंम्रत्यु अर्थ है सुख का
जीवन के हर क्षण से अच्छा
होगा अंतिम पल इस जीवन का .....................................
specially these lines are highly appriciable
Hausala-aafjayi ke liye dhanyavaad sir...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजीवन की डगर ऐसे ही चलती है ... अंत सुखदायक है फिर भी लोग डरते हैं मौत से
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंइस जीवन को पा कर के
जवाब देंहटाएंरिश्ते-नाते प्रेम-घ्रणा के
मोह्पास में फस कर के ,
..मोहपाश तो तो है लेकिन जीवन जीना भी एक कला है ... बहुत बार हम मायूस जरुर होते है लेकिन जीवन मिलना इतना आसान काम भी तो नहीं..
अँधेरे उजाले के बीच यूँ ही झूलती है जिंदगी ..
बढ़िया प्रस्तुति